एक बार एक अत्यंत गरीब महिला, जिसे ईश्वर पर असीम विश्वास था, अत्यंत ही विकट स्थिति में आ गई। कई दिनों से उसके पूरे परिवार को भोजन नहीं मिला था। ऐसे में, एक दिन महिला ने रेडियो के माध्यम से ईश्वर को अपना सन्देश भेजा कि वह उसकी मदद करे। यह प्रसारण एक नास्तिक और अहंकारी उद्योगपति ने सुना और उसने सोचा कि क्यों न इस महिला के साथ कुछ ऐसा मजाक किया जाए कि ईश्वर के प्रति उसकी आस्था डिग जाए। उसने आपने सेक्रेटरी को कहा कि वह ढेर सारा खाना और महीने भर का राशन उसके घर पर देकर आए और जब वह महिला पूछे किसने भेजा है, तो कह देना कि “शैतान” ने भेजा है।
जैसे ही सामान महिला के पास पहुंचा, पहले तो उसके पूरे परिवार ने तृप्त होकर भोजन किया । फिर वह बचा हुआ सारा राशन अलमारी में रखने लगी। महिला ने एक बार भी उस व्यक्ति से राशन भेजने वाले के बारे में नहीं पूछा, तब सेक्रेटरी से नहीं रहा गया। उसने स्वयं ही महिला से प्रश्न पूछा, “आपको क्या जिज्ञासा नहीं होती कि यह सब किसने भेजा है?”
उस महिला ने बेहतरीन जवाब दिया, “मैं इतना क्यों सोंचू या पूछूँ, मुझे ईश्वर पर पूरा भरोसा है। जब वह आदेश देते हैं, तो शैतानों को भी उस आदेश का पालन करना पड़ता है।”
ऊं तत्सत…
