एक व्यक्ति किसी काम से दूसरे शहर गया। वह अपने मित्र के घर पर ठहरा था। उसके मित्र की डेयरी थी, जिस काम में उसकी पत्नी भी सहयोग करती थी। एक दिन दोस्त की पत्नी काफी उदास थी, तो व्यक्ति ने उससे पूछा,’भाभी! आज इतनी उदास क्यों हो?’ इस पर वह बोली,’आज तबेले से दूध कुछ कम मात्रा में आया है। ऐसे में, सभी घरों में दूध की सप्लाई पूरी करना मुश्किल है।’
दोस्त ने झट से कहा, ‘बस इतनी सी बात! आप दूध में थोड़ा-सा पानी मिला दीजिए, समस्या खत्म हो जाएगी।’ यह सुन कर वह कुछ नहीं बोली और अपने पति के पास जाकर बोली, ‘आपके दोस्त अच्छे व्यक्ति नही हैं। उन्होंने दूध में पानी मिलाने की सलाह दी, जो अपने कार्य के प्रति बेईमानी तो है ही, ग्राहकों के विश्वास को भी ठेस पहुंचाने वाला है। ऐसा व्यक्ति मित्रता के लायक नही है।’ मित्रों, छोटी सी स्वार्थ पूर्ति के लिए दूसरों का अहित करना या विश्वास को तोड़ना सर्वथा अनुचित है।
ऊं तत्सत...
