वक्त की घड़ियां कभी थमतीं नहीं ये अलग बात है धड़कन थम जाए जी हां, 31 दिसंबर की रात ठीक 12 बजे जैसे ही घड़ी की दो सूइयों का संगम हुआ, प्रहर के पहरे ने कलेंडर बदल लिया। धड़कनों की रफ्तार ने भी जिंदगी से एक धड़कन कम कर अगले वर्ष में छलांग लगा दी। […]
Category: Politics
बेबाक हस्तक्षेप
बेबाक हस्तक्षेप
चुनावी चाय, बनारसी चर्चा
बेबाक हस्तक्षेप
नहि कोउ अस जनमा जग माहीं…
चुनाव चाहे विधानसभा का हो, लोकसभा का या वार्ड जैसी छोटी इकाई का। बहुत सिरदर्द का काम है, खासकर खासमखास यानी वीवीआईपी-दुर्लभ जीवों के लिए। जिन्होंने पांच साल अपनी सुख-सुविधाओं की बढ़ोतरी पर ध्यान लगाया, चमचों के उत्थान पर गौर किया और सिर्फ सुखद स्वप्न लोक का विचरन किया, उन्हें अचानक पहाड़ खोद चुहिया निकालने […]