रक्षाबंधन पर विशेष मेरे भइया, मेरे चंदा, मेरे अनमोल रतन… हिंदी सिनेमा में राखी यानी रक्षाबंधन को लेकर बहुत भावुक और दिल को छू लेने वाले कई लोकप्रिय गीत फ़िल्माए गए हैं। 1965 में रिलीज ‘काजल’ फ़िल्म का साहिर लुधियानवी का लिखा और रवि की धुन पर आशा भोसले का गाया यह गाना बेमिसाल अदाकारा […]
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पिया मेंहंदी मंगा द मोतीझील से, जाइके सायकिल से ना…
वे सभी, जो योग्य एवं शुभ हैं धर्म हैं…
हिन्दू महान सांस्कृतिक परंपरा के अनुसार संस्कृत में धर्म शब्द के कई अर्थ हैं। जैमिनी के अनुसार – ‘छोड़नेलक्षणोअर्थो धर्मः ‘ अनुभवी शिक्षक द्वारा प्रेरित कर्म को धर्म कहते हैं।’ धर्म की अन्य व्याख्या , ‘ एवं श्रेयस्कर स एव धर्मशब्देनोच्यते’ अर्थात ‘वे सभी , जो योग्य एवं शुभ हैं धर्म हैं। ‘धर्म शब्द संस्कृत […]
बेबाक हस्तक्षेप
Just ignore it…
मैं स्त्री और तुम पुरुष
बतकही: महिला-पुरुष बराबरी!
Poor-Play
‘वंदे मातरम्’ की अमर कहानी
गणतंत्र दिवस विशेष सुजलाम, सुफलाम, मलयज शीतलाम्, शस्य श्यामलाम मातरम। शुभ्र ज्योत्सना पुलकित यामिनीम्, फुल्ल कुसमित द्रुमदल शोभिनीम् सुहासिनीम सुमुधुर भाषिणीम् सुखदाम वरदाम मातरम्। वंदे मातरम्॥ कोटि-कोटि कंठ कल-कल निनाद कराले, कोटि-कोटि भुजैधृत खर कर वाले। अबला केनो मां एतो बले बहुबल धारिणीम् नमामि तारिणीम्, रिपुदल वारिणीम मातरम्। वंदे मातरम्॥ तुमि विद्या तुमि धर्म, तुमि […]