किसी गांव में एक पंडित रहता था। उसने दान के आटे से धीरे-धीरे एक बड़ा मटका भरकर अपने पास रख लिया। प्रतिदिन सुबह उठकर पंडित मटके की ओर देखता और सोचता, यदि कभी अकाल पड़ जाए, तो इससे थोडा धन कमाया जा सकता है। इस आटे के पैसे से मैं दो बकरियां खरीदूंगा। जब बकरियों […]
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काशी सत्संग : दान से समृद्धि
काशी सत्संग : सत्य और लक्ष्मी
काशी सत्संग : सफलता का फॉर्मूला!
नए वर्ष की शुभ कामनाएँ
हरिवंशराय बच्चन (वृद्धों को)रह स्वस्थ आप सौ शरदों को जीते जाएँ,आशीष और उत्साह आपसे हम पाएँ। (प्रौढ़ों को)यह निर्मल जल की, कमल, किरन की रुत है।जो भोग सके, इसमें आनन्द बहुत है। (युवकों को)यह शीत, प्रीति का वक्त, मुबारक तुमको,हो गर्म नसों में रक्त मुबारक तुमको। (नवयुवकों को)तुमने जीवन के जो सुख स्वप्न बनाए,इस वरद […]