होलिका विशेष
अधर्म, अज्ञान, अभिमान… यानी बुराइ पर अच्छाई की जीत, हमारे त्यौहार भी इसी ओर इशारा करते हैं। फाल्गुन का महीना है, तो बच्चों के हाथ में पिचकारी और बाकियों के मन में उल्लास है…ऐसे में, चर्चा करते हैं होलिका की :
सबसे पहले बात कर लें, होलिका दहन और होली के शुभ मुहूर्त की :
9 मार्च, सोमवार को होलिका दहन किया जाएगा। 10 मार्च, मंगलवार को रंगों का त्योहार होली मनाया जाएगा।
होली 2020 शुभ मुहूर्त
संध्या काल में- 06 बजकर 22 मिनट से 8 बजकर 49 मिनट तक
भद्रा पुंछा – सुबह 09 बजकर 50 मिनट से 10 बजकर 51 मिनट तक
भद्रा मुखा : सुबह 10 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक
(1) होलिकादहन तथा उसके दर्शन से शनि-राहु-केतु के दोषों से शांति मिलती है।
(2) होली की भस्म का टीका लगाने से नजर दोष तथा प्रेतबाधा से मुक्ति मिलती है।
(3) घर में भस्म चांदी की डिब्बी में रखने से कई बाधाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं।
(4) कार्य में बाधाएं आने पर आटे का चौमुखा दीपक सरसों के तेल से भरकर कुछ दाने काले तिल के डालकर एक बताशा, सिन्दूर और एक तांबे का सिक्का डालें। होली की अग्नि से जलाकर घर पर से ये पीड़ित व्यक्ति पर से उतारकर सुनसान चौराहे पर रखकर बगैर पीछे मुड़े वापस आएं तथा हाथ-पैर धोकर घर में प्रवेश करें।
(5) जलती होली में तीन गोमती चक्र हाथ में लेकर अपने (अभीष्ट) कार्य को 21 बार मानसिक रूप से कहकर गोमती चक्र अग्नि में डाल दें तथा प्रणाम कर वापस आएं।
इस मंत्र के साथ लगाएं होली की भस्म :
मात्र एक मंत्र है जिसके जप से होली पर पूजा की जाती है और इसी शुभ मंत्र से सुख, समृद्धि और सफलता के द्वार खोले जा सकते हैं।
अहकूटा भयत्रस्तै:कृता त्वं होलि बालिशै: अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम:
इस मंत्र का उच्चारण एक माला, तीन माला या फिर पांच माला विषम संख्या के रूप में करना चाहिए।
होली की बची हुई अग्नि और भस्म को अगले दिन प्रात: घर में लाने से घर को अशुभ शक्तियों से बचाने में सहयोग मिलता है तथा इस भस्म का शरीर पर लेपन भी किया जाता है।
भस्म का लेपन करते समय निम्न मंत्र का जाप करना कल्याणकारी रहता है-
वंदितासि सुरेन्द्रेण ब्रह्मणा शंकरेण च। अतस्त्वं पाहि मां देवी! भूति भूतिप्रदा भव।।
विशेष : होलिका की पवित्र अग्नि पर सेंक कर लाए गए धान/गेहूं की बाली को खाने से निरोगी रहते हैं।
अब बात मां लक्ष्मी की :
ज्यादातर लोग यह जानते हैं कि दीपावली के दिन पूजा-पाठ से श्रीलक्ष्मी की कृपा पाई जा सकती है, लेकिन यदि आप चाहें, तो रंगों के त्योहार होली पर भी आपकी किस्मत चमक सकती है। लक्ष्मी की बारिश और सुख-समृद्धि कब आपके जीवन में प्रवेश करेगी, यह आपको पता भी नहीं चलेगा। यह सब मुमकिन होगा ‘पीली सरसों’ के जरिए। इसके लिए आपको होलिका दहन पर पीली सरसों से हवन करना होगा। ऐसा करने पर आपकी हर शुभ मनोकामना पूरी होगी।
होलिका दहन के वक्त सभी राशियों के व्यक्ति पीली सरसों से हवन करें, तो वे वर्षभर प्रसन्न रहेंगे। रोग और भय दूर होंगे। इसके अलावा सुख-समृद्धि और विजय की भी प्राप्ति होगी।
इसके लिए ‘रक्षोघ्नि मंत्र सूक्त’ मंत्र को कम से कम 108 बार बोलकर पीली सरसों को होलिका दहन में समर्पित करें। इससे सभी को लाभ होगा।
■ काशी पत्रिका